चिया



चिया यह एक प्रकार का तुलसी जैसा पौधा होता है इसमे बहुत अधिक मात्रा मे प्रोटीन केल्शियम आयरन मैग्नेशियम तथा ओमेगा -3 फेटी एसीड होता है | जिसके कारण इसका उपयोग दवाईयाँ बनाने में तथा शारीरिक सुंदरता बडाने में किया जाता है | यह वजन कम करने तथा ह्र्दय रोग को दूर करने में भी सहायक होता है इसमे उपस्थित ओमेगा -3 घुटनो के दर्द में भी सहायक होता है। इस पौधे की ऊंचाई लगभग 3-4 फिट तक होती है।    

उत्पादन -

इसका उत्पादन लगभग 5-6 क्विंटल प्रति एकड़ होता है

लगाने क समय तथा तरीका -


इसे मुख्यरुप से अक्टूबर महीने में लगाया जाता है | इसे लगाने के लिये खेत को रोटावेटर से तैयार कर लेते है फिर मेड़ बनकार पारियों पर हल्का चीरा लगा देते है ।
फिर 1600 ग्राम प्रति एकड़ के  हिसाब से चिया बीज लेकर उसमे 10 किलो बालू रेत मिलाकर  मेड़ पर लगाए गए चीरें में बीज हाथ से डाल देते है ।

बीज डालते समय यह कोशिश करते है कि पौधे से पौधों की  दूरी लगभग 1- 1 फिट रहे ।
लगभग 7-8 दिन इसमे पौधा बाहर आ जाता है और इसके 10-15 दिन बाद पौधों की छटाई करके दूरी बना लेते है!

सिंचाई -

 पूरी फ़सल में लगभग 5-6 पानी लगता है | पहला पानी लगने के तुरंत बाद तथा दूसरा पानी 10 दिन बाद इस प्रकार पौधे की आवश्यकता अनुसार पानी दिया जाता है | पानी मिट्टी के हिसाब  से कम या ज़्यादा  लग सकता है

 खाद  एवं उर्वरक -

 वैसे तो फसल केवल देसी खाद से ही होती है  लेकिन अच्छे उत्पादन के लिए खाद डालना चाहें  तो प्रति एकड़ 100 किलो सिंगल सुपर फास्फेट,   16 किलो म्यूरेट आफ  फास्फेट भी डाल सकते है ।

बेचने के लिए मार्केट -

औषधीय खेती विकास सन्स्थान उत्पादन को वापस खरीदने का एग्रीमेन्ट करती है ,जिसके लिये बीज तथा समय समय पर फसल का निरीक्षण एवं मार्गदर्शन नि:शुल्क उपलब्ध  कराती है |
 मार्केट मिलने में किसानो को कठिनाई आ सकती है अतः किसान भाई सन्स्थान के साथ एग्रीमेंट करके आसानी से अपनी उपज बेच सकते हैं।

समय - 

यह फसल 120- 130 दिनो का समय पूरी तरह पकने में लेती है | फसल को पूरी तरह पकने के बाद खेत मे पाल बिछाकर काट कर डाल देना चाहिए | और 4-5 दिन धूप लगने के बाद मशीन मे कम चाल पर निकल ले |


भाव- 

15000/-प्रति क्विन्टल में साफ सुथरा बीज 



इस विषय पर किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए आप कॉल कर सकते है  8235862311
औषधीय खेती विकास संस्थान 
www.akvsherbal.com
सर्वे भवन्तु सुखिनः 

Comments

Popular posts from this blog

कैमोमाइल की खेती

हर्रा

बहेड़ा