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Showing posts from August, 2019

काली तुलसी

तुलसी - (ऑसीमम सैक्टम) एक शाकीय तथा औषधीय पौधा है। इनमें ऑसीमम सैक्टम को प्रधान या पवित्र तुलसी माना गया जाता है, इसकी भी दो प्रधान प्रजातियाँ हैं- श्री तुलसी जिसकी पत्तियाँ हरी होती हैं तथा कृष्णा तुलसी जिसकी पत्तियाँ निलाभ-कुछ बैंगनी रंग लिए होती हैं। इसके अतिरिक्त ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में भी तुलसी का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है। तुलसी ऐसी औषधि है जो ज्यादातर बीमारियों में काम आती है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खॉसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। तुलसी की पत्तियों में एक चमकीला पीला वाष्पशील तेल पाया जाता है जो कीड़े और बैक्टीरिया के खिलाफ उपयोगी होता है। यह झाड़ी के रूप में उगता है और १ से ३ फुट ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ बैंगनी आभा वाली हल्के रोएँ से ढकी होती हैं। पत्तियाँ १ से २ इंच लम्बी सुगंधित और अंडाकार या आयताकार होती हैं। पुष्प मंजरी अति कोमल एवं ८ इंच लम्बी और बहुरंगी छटाओं वाली होती है, जिस पर बैंगनी और गुलाबी आभा वाले बहुत छोटे हृदयाकार पुष्प चक्रों में लगते हैं। बीज चपटे पीतवर्ण के छोटे काले चिह्नों...

ब्रह्ममी

ब्राह्मी का पौधा पूरी तरह से औषधीय है। यह पौधा भूमि पर फैलकर बड़ा होता है। इसके तने और पत्तियां मुलायम, गूदेदार और फूल सफेद होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम बाकोपा मोनिएरी है। ब्राह्मी के फूल छोटे, सफेद, नीले और गुलाबी रंग के होते हैं। -यह पौधा नम स्‍थानों में पाया जाता है, तथा मुख्‍यत: भारत ही इसकी उपज भूमि है। ब्राह्मी का एक पौधा होता है जो भूमि पर फैलकर बड़ा होता है। इसके तने और पत्तियॉं मुलामय, गूदेदार और फूल सफेद होते है। ब्राह्मी हरे और सफेद रंग की होती है। इसका स्वाद फीका होता है और इसकी तासीर शीतल होती है। ब्राह्मी कब्‍ज को दूर करती है। इसके पत्‍ते के रस को पेट्रोल के साथ मिलाकर लगाने से गठिया दूर होता है। ब्राह्मी में रक्‍त शुद्ध करने के गुण भी पाये जाते है। यह हृदय के लिये भी पौष्टिक होता है। ब्राह्मी को यह नाम उसके बुद्धिवर्धक होने के गुण के कारण दिया गया है। इसे जलनिम्ब भी कहते हैं क्योंकि यह प्रधानतः जलासन्न भूमि में पाई जाती है। आयुर्वेद में इसका बहुत बड़ा नाम है। औषधीय गुण - यह पूर्ण रूपेण औषधी पौधा है। यह औषधि नाडि़यों के लिये पौष्टिक होती है। उपयोग इसका उपयोग ...

औषधीय खेती एवम रोजगार की संभवानाएं

औषधीय खेती एवम रोजगार की संभावनाएं। जैसा कि हम सभी जानते है कि समय बदल चुका है जहां कुछ साल पहले लोग अंग्रेज़ी दवाओं पर ही विश्वास करते थे वही आज भारत की मूल चिकित्सा एवम उपचार की विधा आयुर्वेद पर लोगो का विश्वास बढ़ गया हैं। आज अनगिनत कंपनियां आयुर्वेद से जुड़े उत्पाद बना रही है। जिन्हें उत्पदों को बनाने के लिए कई प्रकार की जड़ी बूटियों की आवश्यकता होती है।जिसका मूल आधार वन संपदा रही है लेकिन आज चूंकि वन संपदा भी विलुप्ति के कगार पर है अतः औषधीय खेती ही एक मात्र विकल्प है जिसके सहारे न सिर्फ विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी औषधीय वनस्पतियों को बचाया जा सकता है अपितु उनकी खेती कर अच्छा लाभ भी कमाया जा सकता है। अतः औषधीय खेती लाभ का एक अच्छा विकल्प साबित हो रहा है। चूंकि किसानों का एक बहुत बड़ा वर्ग औषधीय खेती के महत्व को समझ कर इसमें आ चुका है अतः निश्चित ही इसमें मार्केटिंग(विपणन),संग्रहण, प्रसंस्करण,संरक्षण के साथ साथ सप्लाई से जुड़े व्यापार, व्यवसाय की भी अपार संभावनाएं है। अतः यदि आप ग्रमीण अंचल से जुड़े है,और आपकी जान पहचान किसानों से है तो आप एक अच्छे औषधीय खेती सलाहकार क...