भुई-आंवला/भूआमलकी

भुई-आंवला/भूआमलकी वानस्पतिक नाम :- Phyllanthus riruri Linn, फेमिली :- Euphorbiaceae 2. सामान्य वर्णन :- वर्षा ॠतु में यत्र तत्र सर्वत्र पाया जाने वाला पौधा कृषि क्षेत्र में एक खरपतवार के रूप में माना जाता है। इसे सामान्यजन हजारदाना/भुईआंवला के नाम से पहचानते है। यह मुख्य रूप से अमरीका का पौधा है तथा विश्व के ट्रापिकल व सब-ट्रापिकल देशों में हेपेटाईटिस -बी के फलस्वरूप यकृत की बीमारी को ठीक करने तथा पीलिया, आंतो का संक्रमण, डायबिटीज इत्यादि रोगों को ठीक करने हेतु स्थानीय औषधी के रूप में काम लिया जाता है। यह वर्षाकाल में सभी जगह दिखाई देता है। यह देश के पंजाब, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडू, राजस्थान महाराष्ट्र, हरियाणा, नई दिल्ली और सिक्किम राज्यों में विशेष रूप से देखा गया है। 3. मुख्य उपयोग :- 1. नियतकालिक ज्वर प्रतिबन्धक के रूप में उपयोगी है। 2. पंचांगक्वाथ को शीत ज्वर में प्रयोंग करने दस्त साफ होकर पसीना आता है। 3. यकृत एवम् प्लीहा की वृद्वि कम होती है। 4. मूत्रल होने पर पेशाब का प्रमाण बढ़ता है और जलन कम होती है। 5. प्रमेह, मूत्रदोष, रक्त विकार, क्षत, तृषा, क्षय आदि रोगों मे उपयो...