कैमोमाइल की खेती

कैमोमाइल की खेती हर्बल-टी आज नए ज़माने की चाय है। इसका बाज़ार अंतरराष्ट्रीय हो चुका है। बाज़ार में तरह तरह की Herbal Tea मिल रही हैं जिसमें कई तरह की जड़ी-बूटियां, फूल, वनस्तियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। खास बात ये है कि उत्तराखंड के प्रगतिशील किसान भी हर्बल खेती पर ज्यादा ज़ोर देने लगे हैं। इन्हीं में से कुछ किसानों ने हर्बल टी की चुस्कियों को अपनी तरक्की का जरिया बना लिया। वैसे तो ये फूलों की खेती है। विदेशों में इस फूल को कैमोमाइल टी के नाम से जाना जाता है। इस फूल (चाय) की खेती उत्तराखंड में कई जगह हो रही है। इसके नतीजे लाजवाब आए तो दूसरे किसानों ने भी इसे अपनाना शुरू कर दिया। अब उत्तराखंड के कई किसान इस कैमोमाइल की खेती से मुनाफा कमाने में जुट गए हैं। कैमोमाइल के फूलों से चाय की पत्ती तैयार होती है। बाद में परिपक्व फूलों से ही Chamomile Oil / कैमोमाइल तेल निकाला जाता है। कैमोमाइल तेल आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने के काम आता है। कैमोमाइल एक नगदी फसल है। Chamomile Oil बाजार में 60 से 90 हजार रुपये लीटर तक बिकता है। यही नहीं इसके बीज बेचकर भी किसान मुनाफा कमाया जा सकता हैं। दुनि...